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कर्मचारी बेचारा NPS का मारा

पेंशन की टेंशन!! अगर आप सोचते है कि सरकारी नौकरी में भविष्य सुरक्षित है तो आपको अपनी सोच बदलनी होगी। क्योंकि जिस जॉब सेक्युरिटी की वजह से सरकारी नौकरी का आकर्षण बना हुआ था उसे 2004 से बंद कर दिया गया है! जी हाँ  पेंशन   जिसे बुढ़ापे का सहारा समझा जाता था अब वो गुजरे वक़्त की बात हो चुुकी है।   और ये पेंशन सिर्फ कर्मचारियों की ही नही वरन 2004 के बाद भर्ती हुए सभी अधिकारियों की भी बंद हो गई है सिर्फ नेताओ को छोड़ कर। जी हाँ! फिर से सही सुना आपने।  नेताजी आज भी अपनी पेंशन सिर्फ एक दिन के कार्यकाल से लेकर 5 साल के अपने लंबे चोड़े कार्यकाल तक को पूरा करने पर पेंशन के हकदार हैं। आखिर क्यों बन्द की गई थी पेंशन? आधिकारिक तौर पर तो सरकार द्वारा यही बताया गया है कि कर्मचारियों की तनख्वाह और पेंशन पर सबसे ज्यादा खर्च होने के कारण इसे बंद किया जाना जरूरी था। इसकी जगह NPS जिसे नेशनल पेंशन स्कीम कहाँ जाता है ,की शुरुआत की गई। 2004 में नवनिर्वाचित सरकार ने इस बिल को पास करके लागू करदिया।  शुरुवात में किसी को भी इस स्कीम के बारे में ज्यादा कुछ पता नही था इसलिए इसका वैसा विरोध भी नही हुआ जैसा आज हो रहा है।

नई शिक्षा नीति- शिक्षा का नया रूप

शिक्षा नीति - एक नज़र जैसा की आप लोगों को पता ही है देश की सरकार ने 34 साल बाद देश के लिए बनाई एक नई शिक्षा व्यवस्था को लागू करने की तरफ एक कदम बढ़ा दिया है। अभी तक देश में वर्ष 1986 में अपनाई शिक्षा प्रणाली ही प्रचलित थी । वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2014 से ही नई शिक्षा नीति के निर्माण पर जोर शोर से काम शुरू कर दिया था।  ड्राफ्ट बनने के बाद इस पर लोगों की राय मांगी गई जिस पर करीब 200000 लोगों ने प्रतिक्रिया दी और अंत में जो मसौदा बनकर तैयार हुआ वही अभी की शिक्षा नीति 2020 के रूप में जाना जाता है । यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि अभी सिर्फ ड्राफ्ट तैयार हुआ है। ड्राफ्ट तैयार होने और इसका नीति और कानूनी रूप लेने में अभी कई पड़ाव बाकी है। पुरानी नीति और नाइ नीति में क्या है अंतर!! नई नीति पुरानी नीति से पूरी तरह से भिन्न है । एक तरह से देखा जाए तो इसके अंदर नए जमाने के साथ शिक्षा व्यवस्था का तालमेल बनाए रखने का पुरजोर प्रयास किया गया है। जहां पुरानी नीति परीक्षाओं पर ज्यादा जोर देती हुई दिखाई देती थी वही नई नीति सीखने और स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा जोर देती हुई द