मध्य प्रदेश।।
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व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा ली गई उच्च माध्यमिक शिक्षक तथा माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया फिर ठंडे बस्ते में चली गई है । बड़ी मुश्किल से शुरू हुई प्रक्रिया घोंघे की रफ्तार से चलते हुए काउंसलिंग के दौर तक पहुंची थी ,और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य शुरू हो गया था। लेकिन अचानक से शासन में निर्णय लिया है कि इस प्रक्रिया को आगामी आदेश तक बंद किया जाए।
जैसा की आप लोगों को पता है मध्य प्रदेश में 7 सालों के पश्चात शिक्षकों की भर्ती होना थी । प्रदेश के स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षक तथा माध्यमिक शिक्षकों के पद वर्षो से रिक्त हैं, और शिवराज सरकार ने अपने शासनकाल के अंतिम समय में इसकी परीक्षा आयोजित करवाई थी । तभी से यह परीक्षा कछुए की रेस की तरह धीमे धीमे आगे बढ़ रही थी। एक बार फिर से शिवराज सरकार बनने पर अभ्यर्थियों में उम्मीद बनी थी कि किसी भी प्रकार इस बार यह भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई जाएगी ।
तारीख आगे बढ़ते बढ़ते डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी जिसमें 2 दिनों तक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हुआ लेकिन अचानक शासन ने कोरोना और परिवहन को ढाल बनाते हुए इस प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोक दिया। जिससे भर्ती प्रक्रिया से जुड़े हुए व्यक्तियों में निराशा की लहर छा गई।
क्यों रोकी गई यह प्रक्रिया?
शासन ने इस प्रक्रिया को रोकने के पीछे जो तर्क दिया है वह समझ से परे है । अनलॉक वन पूरा होने के बाद अनलॉक टू की तैयारियां शुरू हो चुकी थी। काउंसलिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी ,और अभ्यर्थी अपने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाने आ रहे थे। प्रशासन ने जो तर्क दिया है उसमें बताया है कि अन्य राज्यों से आने वाले अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाने आने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था, जिसके कारण इस प्रक्रिया को हाल फिलहाल रोक दिया गया है।
यक्ष प्रश्न यह है कि जिस अभ्यर्थियों को नौकरी मिलने का सुनहरा मौका मिल रहा है , क्या वह अपने निजी साधन से या अन्य साधन से जिला स्तर जैसी जगह पर अपना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं करवा सकता और अगर प्रक्रिया में वह शामिल नहीं होना चाहता तो इस बात की क्या गारंटी है कि जब यह प्रक्रिया फिर से शुरू होगी तब वे अभ्यर्थी आ ही जाएंगे । कुछ अभ्यर्थियों के लिए जो व्यक्ति लंबे समय से इस भर्ती प्रक्रिया के पूरे होने का इंतजार कर रहे थे और जो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए उपलब्ध भी थे उनमें गहरी निराशा छा गई है।
अंदर की बात
प्रशासनइसके पीछे चाहे लाख दलील दे ।
लेकिन मोटे तौर पर इस आदेश को मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति एवं कोरोना महामारी से जोड़कर देखा जा रहा है । प्रशासन का संपूर्ण ध्यान अभी कोरोना महामारी को काबू में करने तथा प्रशासन का संपूर्ण संसाधन इस वायरस में खर्च हो रहे हैं । बड़ी मुश्किल से मध्य प्रदेश शासन अपने रोजमर्रा के खर्च निकाल पा रही हैं वह भी जब जबकि पूरे देश में सबसे अधिक पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाया जा रहा है वित्तीय स्थिति जब तक सुगम नहीं हो जाती और कोरोना वायरस का वैक्सीन नहीं बन जाता तब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू होना मुश्किल नजर आ रहा है।
कब तक की बन रही है संभावना भर्ती भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की?
वैसे आदेश में तो भर्ती प्रक्रिया कब शुरू होगी इसके बारे में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है । लेकिन जानकारों का मानना है कि किसी भी हालत में इस वित्तीय वर्ष के पहले यह भर्ती प्रक्रिया शुरू होना मुश्किल है। इसका मतलब यह माना जाए कि मार्च के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। ऐसी स्थिति में रोजगार की बाट जो रहे अभ्यर्थियों पर यह किसी वज्रपात से कम नहीं होगा। पहले ही भर्ती प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही थी ऊपर से इसका भी स्थगित होना अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति निर्मित कर रहा है।
अभ्यर्थियों ने मांग की है कि प्रशासन जल्दी से नई तारीख का ऐलान करें तथा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य जल्द से जल्द शुरू करें।
(उपरोक्त जानकारी सूत्रों पर आधारित है आपको यह आलेख कैसा लगा बताइएगा जरूर धन्यवाद)
बस बेवकूफ बनाने का काम है
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